देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 संपन्न होने के बाद अब उत्तराखंड सरकार शीतकालीन यात्रा पर जोर दिया जा रहा है. वहीं सरकार आगामी साल 2025 के चारधाम यात्रा की तैयारी में जुट गई है. चारधाम यात्रा की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं संबंधित तमाम जरूरी दिशा- निर्देश दिए. साथ ही बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में सुविधाओं के विकास पर जोर दिया.
उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन और यात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए अभी से तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए. चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने की सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूरा किया जाए. इसके लिए 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं. तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो बेहतर हो सकता है, वो किया जाए. इसके साथ ही, यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए.
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है. ऐसे में आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनजर यात्रियों की हर तरह की सुविधा, यातायात प्रबंधन, अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए धामों की धारण क्षमता, यात्रा मार्गों पर तमाम व्यवस्थाओं समेत अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयारियां पूरी की जाए. पिछले साल चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं पहुंचे थे. जिसको ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार कर काम करें. सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों के जिन स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था हो, उन स्थानों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही होटल, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता और अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए.
चारों धामों के आस-पास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी ध्यान दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम किए जाएं. शीतकालीन यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं बनने से चारधाम यात्रा के दौरान भी इससे व्यवस्थाएं व्यवस्थित रहेंगी. राज्य के इन चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों के आस-पास के पौराणिक क्षेत्रों के विकास के साथ ही पंच बद्री और पंच केदार के महत्व को भी जन-जन तक पहुंचा जाए.