कश्मीर में चिल्ली कलां की दस्तक के साथ ही ठंड ने ऐसी दस्तक दी है कि झीलों और नदियों का पानी भी जमना शुरू हो चुका है। श्रीनगर से लेकर लेह तक के तापमान पर नजर डालें तो चारों ओर आपको सिर्फ बर्फ ही नजर आएगी। इस ठिठुरती ठंड से आम लोगों का हाल बेहाल है, लेकिन देशभर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह मौसम एक खूबसूरत एहसास के साथ-साथ जन्नत के नजारे से कम नहीं है। यहां आने वाले सैलानी भी इस खूबसूरती के मुरीद हो रहे हैं।
हर तरफ बर्फ की मोटी परत जमी
क्या झील क्या नदी क्या झरना.. हर तरफ बर्फ की मोटी परत जम चुकी है, आलम ऐसा है की डल झील व आसपास इलाकों में 2 से 3 इंच बर्फ की मोटी परत बिछ गई है और ये नजारे देशभर से आने वाले पर्यटकों के प्रति आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आने वाले पर्यटकों को ये जन्नत का एहसास दिला रहा है। बता दें कि इन माह में जम्मू कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ती है। वहीं, इस मौसम का लुफ्त उठाने के लिए सैलानी यहां आते रहते हैं। यहां की झीलों की बात करें तो इनमें बर्फ की एक मोटी परत जम चुकी है।
चिल्ली कलां की हुई शुरुआत
गौरतलब है कि कश्मीर में सर्दी के सख्त 40 दिनों की शुरुआत हो चुकी है, जिसे “चिल्ली कलां” कहा जाता है। इन दिनों कश्मीर का जर्रा-जर्रा बर्फ की आगोश में आ गया है। इतना ही नहीं बल्कि झीलों और नदियों का पानी भी जम जाता है, ऐसे में आपके पास भी एक विकल्प है। कश्मीर जहां आपको नए साल और क्रिसमस के मौके पर बर्फबारी के साथ-साथ जमी हुई झीलों और नदियों का जमा हुआ पानी एक खूबसूरत एहसास से रूबरू कर आएगा। इस मौसम में तापमान शून्य से लेकर माइनस 15 डिग्री तक नीचे चला जाता है और इस अवधि में पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में सबसे ज्यादा बर्फबारी होने की संभावना बनी रहती हैं। लोग इस कड़ाके की ठंड से बचने के लिए फेरन का इस्तमाल करते हैं।
ये भी पढ़ें:
क्या है चिल्लई कलां, जो जम्मू कश्मीर में कल से शुरू होने वाला है, जानें इसकी हर खूबी