देहरादून: उत्तराखंड राज्य में परसंपत्तियां और भूमि के खरीद बिक्री का वर्चुअल रजिस्ट्री किए जाने को लेकर मुख्य सचिव ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों से वर्चुअल रजिस्ट्रेशन के कामों की प्रगति की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि निर्धारित टाइम लाइन में इस प्रक्रिया को लागू किया जाए. क्योंकि प्रदेश भर में परिसंपत्तियों के क्रय-विक्रय का वर्चुअल रजिस्ट्री होने से न सिर्फ व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी. साथ ही परिसंपत्ति के खरीद बिक्री से जुड़े विवाद भी थमेंगे.
सीएस ने निर्देश दिए: मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि के खरीद-बिक्री का वर्चुअल रजिस्ट्रेशन पूरा करने के लिए सभी संबंधित हितधारकों से तालमेल बनाया जाए. सीएस ने निर्देश दिए कि संबंधित एप्लीकेशन या पोर्टल में इस तरह का प्रावधान किया जाए कि भूमि के खरीद-बिक्री से संबंधित जितने भी दस्तावेज तमाम हित धारकों, विभागों, निकायों और एजेंसियों के बीच शेयर करने होते हैं, वे सभी दस्तावेज ऑटोमोड पर और पेपरलेस प्रक्रिया के जरिए तत्काल शेयर हो जाए.
भूमि के खरीद-बिक्री में पारदर्शिता आएगी: उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तैयार होने से भूमि के खरीद-बिक्री में पारदर्शिता आएगी. साथ ही तमाम विभागों, निकायों, एजेंसियों और हितधारकों के बीच भूमि का एक जैसा और सही रिकॉर्ड साझा हो सकेगा. इसके अलावा इससे भूमि के क्रय-विक्रय से जुड़े विवादों में भी कमी आएगी.
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि संबंधित एप्लीकेशन बन चुकी है, साथ ही बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई है, उसके अनुसार एप्लीकेशन में मॉडिफिकेशन किया जाएगा. एप्लीकेशन में मॉडिफिकेशन के बाद इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
एप्लीकेशन और पोर्टल में तीन तरह के विकल्प: साथ ही बताया गया कि इस एप्लीकेशन और पोर्टल में भूमि के क्रय-विक्रय के संबंध में तीन तरह के विकल्प उपलब्ध रहेंगे.
- पहले विकल्प के तहत भौतिक रूप से दस्तावेज सहित रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होना होगा.
- दूसरे विकल्प के तहत रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बिना किसी दस्तावेज़ के (पेपर लेस) उपस्थित होकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा.
- तीसरे विकल्प के तहत बिना किसी मीडिएटर के वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से भूमि की रजिस्ट्री की जा सकेगी. इस परियोजना को 1 अप्रैल 2026 से पूरे राज्य में लागू करने के प्रयास किए जाएंगे.











