December 23, 2024 12:40 pm

नेमप्लेट विवाद के बाद अब कोर्ट पहुंचा मांस की दुकानें बंद रखने का आदेश, दी गई ये दलील

प्रयागराज: यूपी की योगी सरकार के द्वारा दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी करने के बाद से इसपर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई, वहीं अब एक और मामला कोर्ट में पहुंच गया है। दरअसल, सावन माह में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस की दुकानें बंद करने के वाराणसी नगर निगम के आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद सुहैल ने यह याचिका दायर की है।

मौलिक अधिकारों का हनन

मोहम्मद सुहैल की ओर से दाखिल इस याचिका में दलील दी गई है कि उक्त आदेश न केवल कोई भी व्यवसाय, व्यापार या कारोबार करने की मौलिक स्वतंत्रता, बल्कि सम्मान और निजी स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने के मौलिक अधिकारों का भी हनन करता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, सावन में कांवड़ की प्रथा युगों से जारी है और इस दौरान मांस की दुकानें हमेशा खुली रही हैं, इसलिए इस तरह का आदेश पारित कर अधिकारी पहचान के आधार पर बहिष्करण का प्रयास कर रहे हैं।

दुकानदारों की आजीविका पर प्रभाव

याचिकाकर्ता ने यह दलील भी दी कि अधिकारियों ने यह तथ्य ध्यान दिए बिना आदेश पारित किया कि इससे दुकानदारों की आजीविका प्रभावित होगी क्योंकि इन दुकानों से आय ही उनकी आजीविका का साधन है। इसमें कहा गया कि इस तरह के निर्णय से व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन होता है क्योंकि यह मांस का उपभोग करने के इच्छुक उन व्यक्तियों को मांस खाने से रोकता है जिन्हें चिकित्सक ने मांस या मांसाहारी भोजन लेने की सलाह दी है।

नेमप्लेट को लेकर भी जारी है विवाद

बता दें कि हाल ही में कांवड़ यात्रा को लेकर जारी नेमप्लेट विवाद के बीच वाराणसी नगर निगम ने सावन महीने में कांवड़ यात्रा के रूट में पड़ने वाली मीट दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया था। इससे पहले यूपी सरकार ने कांवड़ियों की पवित्रता का ख्याल रखते हुए कांवड़ रूट के दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था। फिलहाल इन दोनों ही मामलों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

Leave a Comment

और पढ़ें

मतदान सर्वेक्षण

42
Default choosing

Did you like our plugin?

  • Poola Jada

और पढ़ें