संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक के बाद से लगातार विपक्षी दलों द्वारा सदन में विरोध किया जा रहा है। इस बीच एक बार फिर से लोकसभा से सांसदों को निलंबित किया गया है। इस बार लोकसभा से 3 सांसदों को निलंबित किया गया है। गुरुवार को लोकसभा से डीके सुरेश, नकुलनाथ और दीपक बैज को निलंबित किया गया है। बता दें कि डीके सुरेश डीके शिवकुमार के भाई हैं, नकुलनाथ कमलनाथ के बेटे हैं। दरअसल संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों द्वारा खूब हंगामा किया जा रहा है। विपक्ष की मांग है इस मामले पर अमित शाह सदन में बयान दें और इसपर चर्चा की जाए। इस बाबत विपक्षी सांसद लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी मामले पर बीते दिनों लोकसभा और राज्यसभा से भी कई सांसदों को निलंबित किया गया था।
लगातार सांसदों का हो रहा निलंबन
बता दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार 14 दिसंबर को सांसदों को निलंबित किया गया था। 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 और राज्यसभा से 1 सांसद को निलंबित किया गया। इसके बाद 18 दिसंबर को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सांसदों को निलंबितक कर दिया गया। इसके बाद 19 दिसंबर को लोकसभा से 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया और अब 21 दिसंबर को एक बार फिर लोकसभा से 3 सांसदों को निलंबित किया गया। इस तरह लोकसभा से कुल 98 और राज्यसभा से 46 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। यानि दोनों सदनों को मिलाकर कुल 144 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा निशाना
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सांसदों ने बीते दिनों इस बाबत संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। सासंदों के निलंबन और संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है। इस मार्च के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि सदन सही तरीके से चले। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘सरकार ये नहीं चाहती कि सदन चले। लेकिन मैं माफी चाहता हूं कि चेयरमैन साहब ने एक मुद्दा उठाकर हम सारे सांसद को जातिवाद पर लाया है। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावना को सदन में बताना पार्लियामेंट के मेंबर का कर्तव्य है। संसद में जो घटना घटी उसी मुद्दे को हम लोकसभा और राज्यसभा में उठाना चाहते थे। हम ये सवाल उठा रहे था कि क्यों संसद की सुरक्षा में ऐसी सेंध लगी? इसके लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं? लेकिन न तो गृह मंत्री ने बताया और न ही प्रधानमंत्री ने सदन में कुछ कहा।’