December 23, 2024 8:07 am

बीवी ने दिया बीजेपी को वोट तो नाराज हुआ शौहर, कहा – तलाक, तलाक, तलाक!

छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 26 वर्षीय एक महिला ने दावा किया है कि उसके पति ने भाजपा का समर्थन करने से नाराज होकर उसे तीन तलाक दे दिया है. हालांकि, महिला के पति ने आरोपों से इनकार किया है. उसने अपनी बीबी पर अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने बताया कि पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी शादी करीब आठ साल पहले हुई थी. कुछ समय तक ससुराल में उनके संबंध सामान्य रहे, लेकिन बाद में उसके पति, सास और ननद ने किसी न किसी मुद्दे पर उसे ताना मारना और पीटना शुरू कर दिया.

महिला ने दावा किया कि उसे करीब डेढ़ साल पहले घर से निकाल दिया गया. वो अपने पति के साथ किराए के कमरे में रहती थी. इसी बीच चुनाव हुए तो महिला ने भारतीय जनता पार्टी समर्थन करते हुए उसके पक्ष में मतदान कर दिया. इससे उसका पति नाराज हो गया. उसने उसे ‘तीन तलाक’ दे दिया.

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दहेज निषेध अधिनियम, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत उसके पति, सास और चार ननदों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है.

महिला का कहना है कि उसके पति ने तलाक का नोटिस भेजा था, जिसमें उस पर चरित्रहीन होने और अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया गया था, जो कि पूरी तरह झूठा और निराधार है. उसने अपने वकील के जरिए अपने पति के तलाक के नोटिस का जवाब भेज दिया है.

उधर, महिला के पति ने आरोप लगाया कि उसके कुछ लोगों के साथ अवैध संबंध थे. उसने उसे कई बार समझाया और सुलह के मौके दिए, लेकिन वो नहीं मानी. इसके बाद उसने मुस्लिम कानून के अनुसार उसको पहली बार 30 मार्च, 2022 को तलाक दिया. अक्टूबर और नवंबर 2023 में दो बार तलाक दिया.

पति ने यह भी दावा किया कि तलाक दिए जाने की वजह किसी राजनीतिक दल का समर्थन करना नहीं है, क्योंकि साल 2022 में कोई चुनाव नहीं था, जब उसने तलाक दिया था. उसने आरोप लगाया कि महिला उसे धमका रही है. उसकी छवि खराब कर रही है. उसके परिवार को बर्बाद करने की बात कह रही है.

उसने यह भी दावा किया कि उसके परिवार में किसी ने भी उसे परेशान नहीं किया, क्योंकि वह पिछले तीन सालों से अलग रह रही थी. तलाक का मुद्दा पहले ही अदालत में दायर किया जा चुका है. परिवार में हर कोई किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करने के लिए स्वतंत्र है. इसी तरह की कोई बात नहीं है.

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