December 23, 2024 8:39 am

HC में विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा- पूर्व के आदेश पर क्या हुई कार्रवाई, जवाब पेश करने के आदेश 

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय में हुई अवैध नियुक्तियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार व विधानसभा सचिवालय से कहा है कि पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई, तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई की तिथि नियत की है.

पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार व विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए थे कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर शपथ पत्र के माध्यम से रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. परन्तु अभी तक उनके द्वारा कोई रिपोर्ट पेश नहीं की गई. जिस पर राज्य सरकार व सचिवालय के द्वारा कोर्ट से रिपोर्ट पेश करने के लिए पुनः तीन सप्ताह का समय मांगा. रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट ने दोनों को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए अगली सुनवाई हेतु 16 जुलाई की तिथि नियत की है. पूर्व में कोर्ट ने 6 फरवरी 2003 के शासनादेश के तहत मामले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए सचिवालय से जवाब पेश करने को कहा था. जो अभी तक पेश नहीं किया.

मामले के अनुसार देहरादून निवासी अभिनव थापर ने इस मामले में जनहीत याचिका दायर की हैं. उनके द्वारा जनहित याचिका में विधानसभा सचिवालय में हुई बैकडोर भर्ती, भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को चुनौती दी गयी है. उनके द्वारा जनहित याचिका में कहा है कि विधानसभा ने एक जांच समिति बनाकर साल 2016 के बाद विधानसभा सचिवालय में हुई भर्तियों को निरस्त कर दिया है, जबकि उससे पहले की नियुक्तियों को नहीं किया गया है. सचिवालय में यह घोटाला साल 2000 में राज्य बनने से अब तक होता रहा है. जिस पर सरकार ने अनदेखी कर रखी है.

जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों के खिलाफ उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराई जाए. उनसे सरकारी धन की वसूली कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. सरकार ने 6 फरवरी 2003 का शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, संविधान का अनुच्छेद 14, 16 व 187 का उल्लंघन है. जिसमें हर नागरिक को सरकारी नौकरियों में समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती होने का प्रावधान है और उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 की सेवा नियमावली तथा उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमावलियों का उल्लंघन किया गया है.

Leave a Comment

और पढ़ें

मतदान सर्वेक्षण

42
Default choosing

Did you like our plugin?

  • Poola Jada

और पढ़ें