हरिद्वार: बैसाखी का पर्व हरिद्वार में पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हर की पैड़ी समेत विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. देश भर से आये श्रद्धालुगण मां गंगा में स्नान करके पूजन कर रहे हैं.
दरअसल बैसाखी के अवसर पर गेहूं की फसल तैयार हो जाती है और इस दिन से फसल कटनी शुरू हो जाती है. जबकि इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना भी की गयी थी. यही वजह है कि यह त्यौहार हिंदू व पंजाबी समुदाय में खासे धूमधाम से मनाया जाता है. बैसाखी पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. स्नान का महत्व होने से हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं और गंगा स्नान कर पूजा व दान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े इंतेजाम किए गए हैं. मेला क्षेत्र को 4 सुपर जोन, 14 जोन और 40 सेक्टर में बांटकर पुलिस बल तैनात किया गया है.
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि बैसाख मास पूरा का पूरा ही महीना बड़ा पुण्यदायी और भगवान को प्रिय है. प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक बैसाख में किसी भी तीर्थ पर जाकर स्नान से बड़ा पुण्य प्राप्त होता है. लोग जिन लोगों ने जीवन में कभी कोई पाप किया हो, उसके जल मात्र में स्नान करने मात्र से पाप नष्ट होने शुरू हो जाते हैं. पुण्य के प्रभाव से व्यक्ति जीवन में सफल होना शुरू हो जाता है, परंतु इस बैसाख संक्रांति का विशेष तौर पर महत्व है, जिसे हम बैसाखी कहते हैं.
जिन लोगों के कामों में अनिश्चितता आती है वह आकर गंगा स्नान करके दान करें, अगर आप गंगा तट पर नहीं जा सकते तो जल में ही गंगा का ध्यान करके तुलसी पत्र डालकर उसमें स्नान करें तो आपको हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड में स्नान करने जैसा फल प्राप्त होगा. स्नान करने के पश्चात दान करने से पुण्य लाभ मिलता है और पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है. बैसाखी पर हरिद्वार में आकर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि इस अवसर पर गंगा स्नान करने का खासा महत्व है वे मानते है कि मां गंगा में स्नान करने से कल्याण होता है और मां गंगा मनचाही मुराद पूरी करती है और मोक्ष प्रदान करती है.
