November 13, 2025 7:38 pm

SEC की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कांग्रेस हमलावर, कहा हमारी चिंता सही थी

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता लिस्ट सं संबंधित उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका को आधारहीन बताते हुए उस पर 2 लाख का जुर्माना लगाया. इस पर कांग्रेस ने कहा कि अदालत ने आयोग पर 2 लाख का दंड लगाकर कांग्रेस की चिंता को सही ठहराया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस हुई हमलावर: उत्तराखंड निर्वाचन आयोग की याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग पर दो लाख रुपये का दंड लगाकर उनकी चिंता को सही ठहराया है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि 6 जुलाई 2025 को ही कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर निकाय और पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में मतदाताओं और प्रत्याशियों की दोहरी प्रविष्टियों का मुद्दा उठाया था. आयोग को स्पष्ट रूप से यह भी चेतावनी दी गई थी कि अगर 10 दिसंबर 2019 के आदेश का पालन नहीं हुआ, तो कांग्रेस कानूनी कदम उठाएगी.

राज्य निर्वाचन आयोग को लिया आड़े हाथ: माहरा ने कहा कि उन्होंने आयोग को यह भी बताया था कि उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कई मतदाताओं के नाम नगरीय मतदाता सूची में भी दर्ज हैं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. लेकिन आज इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग पर 2 लाख का अर्थ दंड लगाया और कहा कि हाई कोर्ट द्वारा दोहरी वोटर लिस्ट में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने पर लगाई गई रोक सही है. माहरा ने आगे कहा कि अदालत ने आयोग को कानून के विपरीत सर्कुलर जारी करने और आधारहीन याचिका दाखिल करने के लिए दंडित किया है.

सप्पल ने भी निकाली भड़ास: वहीं कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य के चुनाव आयोग ने उन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करने से इनकार किया था, जिनके नाम दो या अधिक जगह वोटर लिस्ट में थे. जबकि हाई कोर्ट में आयोग को नियम मानने के निर्देश दिए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने समर्थकों के नाम नगर निकाय से ग्राम पंचायत वोटर लिस्ट में शिफ्ट कराकर अनुचित लाभ लेने की कोशिश की. कांग्रेस ने लगातार इस पर आपत्ति जताई और नियम याद दिलाये. उसके बावजूद आयोग ने नियमों की अनदेखी की, जिससे दोहरी वोटर लिस्ट बनी. अब सुप्रीम कोर्ट ने आयोग पर दंड लगाकर उसकी याचिका को आधारहीन बताया है.

ये है पूरा मामला: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग द्वारा हाईकोर्ट के उस आदेश को शुक्रवार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें आयोग ने कई मतदाता सूचियों में नाम वाले उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाले उसके स्पष्टीकरण सर्कुलर पर रोक लगा दी थी. साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा- आप वैधानिक प्रावधान के विपरीत आदेश कैसे दे सकते हैं?

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