देहरादून: उत्तराखंड रजत जयंती महोत्सव के तहत राज्य स्थापना से ठीक पहले उत्तराखंड विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया गया. सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी उपस्थित रही. सोमवार को शुरू हुआ उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र पिछले कई सत्रों से कई मायनों में अलग था. सिर्फ विधानसभा सदस्य ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के अलावा कोई अन्य नेता भी इस विशेष सत्र में मौजूद रहे.
विशेष सत्र के दौरान प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए राष्ट्रपति और उत्तराखंड के राज्यपाल की कुर्सी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी से ऊंची लगाई गई थी. मंच पर महामहिम राष्ट्रपति और उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह के अलावा विधानसभा अध्यक्ष विराजमान थे. सत्र की शुरुआत होने पर पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद भारत की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. मुख्यमंत्री और राज्यपाल के स्वागत के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन हुआ. उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति ने15 मिनट का संबोधन दिया.
राष्ट्रपति के संबोधन के बाद तकरीबन 12 बजे से पहले विधानसभा सत्र शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा से प्रस्थान किया और नैनीताल के लिए रवाना हुईं.
गदगद नजर आए विधानसभा सदस्य: वहीं, देश के राष्ट्रपति को अपने बीच पाकर उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य गदगद नजर आए. भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा, ‘यह बेहद गौरव का क्षण है कि हम उत्तराखंड वासियों के बीच राष्ट्रपति मौजूद रहीं. राष्ट्रपति द्वारा उत्तराखंड में इन 25 सालों में हुए अच्छे कामों को सराहा गया. खास तौर पर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम हुए हैं, उसको लेकर उन्होंने अपनी बात प्रमुखता से रखी. आज विधानसभा के अंदर कहे हुए उनके एक-एक शब्द हमारे लिए बेहद प्रेरणादायक हैं और उनकी कोशिश रहेगी कि इसी तरह से आगे उत्तराखंड को विकास की तरफ ले जाएं‘.
भाजपा विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि, सदन में आज राष्ट्रपति की गरिमामयी मौजूदगी उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा है. उन्होंने उत्तराखंड राज्य के सभी आंदोलनकारी और प्रदेशवासियों को उत्तराखंड राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दी. इसी तरह से उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि निश्चित तौर से यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जब राष्ट्रपति उत्तराखंड विधानसभा में सभी सदस्यों को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि इसी तरह से 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उत्तराखंड विधानसभा में आए थे और उसी तरह से आज का यह दिन भी बेहद ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने 10- 15 मिनट के संबोधन में पूरे उत्तराखंड के मूलभूत विषयों पर प्रकाश डाला, जो कि अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है.











