देहरादून: उत्तराखंड में पंजीकरण के बगैर चल रहे मदरसों की जांच करवाई जाएगी। मदरसा बोर्ड की ओर से इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। विगत दिनों शासन स्तर पर हुई बैठक में अपंजीकृत मदरसों की संख्या और छात्रों को लेकर चर्चा के बाद यह कार्रवाई शुरू की जा रही है, ताकि नियमों के तहत इनका संचालित हो सके। प्रदेशभर में अभी अपंजीकृत मदरसों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस वक्त 415 मदरसे पंजीकृत हैं, जहां करीब 46 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।
मदरसा छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ना मकसद: कासमी
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में सरकार सभी मदरसों में एनसीईआरटी के सिलेबस के अनुसार पढ़ाई समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप देकर ऐसे छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ना मकसद है। इसलिए सभी मदरसों को मान्यता लेनी चाहिए।
हरिद्वार में 30 मदरसों की मान्यता रद्द होगी
हरिद्वार में विगत दिनों जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट आई, जिसमें 30 मदरसों को बंद दिखाया गया है। अब इन मदरसों की मान्यता को रद्द किया जाएगा।
60 से ज्यादा मदरसों की फाइलें लंबित
करीब 40 मदरसों के नवीनीकरण और 60 से ज्यादा नए मदरसों की मान्यता की फाइल लंबे समय से लंबित है। इसके लिए मदरसा बोर्ड में 30 दिसंबर को बैठक होने जा रही है। मदरसा बोर्ड अध्यक्ष शमून कासमी के अनुसार, मान्यता कमेटी की बैठक भी जल्द बुलाई जाएगी।
गैर मुस्लिम छात्र महज 176 रह गए
प्रदेशभर के मदरसों में साल 2023 में 749 गैर-मुस्लिम छात्र पढ़ते थे। इस साल यह संख्या 176 रह गई है। बोर्ड अध्यक्ष के मुताबिक, यह छात्र अपने परिजनों की अनुमति से ही पढ़ रहे हैं। इनको किसी तरह की दीनी तालीम नहीं दी जाती।