देहरादून: राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र का आज से आगाज हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस विशेष सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई और उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा सत्र को संबोधित भी किया. उत्तराखंड के इतिहास में यह दूसरी बार था, जब देश के राष्ट्रपति ने विधानसभा सत्र को संबोधित किया. इससे पहले साल 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तराखंड विधानसभा सत्र को संबोधित किया था.
विपक्ष ने सरकार पर जमकर किया हमला: सोमवार को पूरे दिन विधानसभा सत्र में राज्य गठन के 25 सालों की विकास यात्रा को लेकर चर्चाएं की गई. सदन के भीतर भोजन अवकाश के बाद 4:00 बजे राज्य गठन के 25 साल पूरे होने पर की जा रही चर्चा की शुरुआत हुई. जिसमें सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने अपनी बात रखी. सत्र में यशपाल ने इस मानसून सीजन की आपदाओं का मुद्दा उठाया. यशपाल आर्य ने कहा आपदा प्रभावितों के घरों में शोक का माहौल है, स्थापना दिवस सादगी के माहौल में मनाना चाहिए.
विपक्ष ने ज्वलंत मुद्दों को उठाया: कहा कि प्रदेश में शोक का समय था और कॉमेडी शो हो रहे हैं. प्रदेश सरकार पैसे दे कर हास्य कलाकारों को बुला रही है, जो मजाक से कम नहीं है. आज सरकार को उन लोगों की पीड़ा समझनी चाहिए थी. नेता प्रतिपक्ष ने ऋषिकेश में शराब को बढ़ावा देने का मामला भी उठाया. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने उत्तराखंड के विकास यात्रा पर अपनी बात रखी. इस दौरान विपक्ष के कई विधायकों ने ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी, जिन पर सरकार बैकफुट पर नजर आई.
सीएम धामी ने विशेष सत्र को बताया ऐतिहासिक: शाम करीब 6:30 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रपति विधानसभा की विशेष सत्र में प्रतिभाग करने के लिए पहुंचे. राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के 25 सालों के सफर के बारे में जो बातें कही हैं वह बताती हैं कि उत्तराखंड का संघर्ष कैसा रहा है.
समान नागरिक संहिता कानून बनाने का वादा किया पूरा: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राष्ट्रपति द्वारा समान नागरिक संहिता कानून लागू करने को लेकर सरकार को बधाई देने और विधानसभा के सदस्यों की सराहना करने के मामले में कहा कि उत्तराखंड की जनता से साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने यह वादा किया था कि सरकार बनने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून बनाया जाएगा. जनता ने अपना आशीर्वाद दिया और प्रदेश सरकार ने भी समान नागरिक संहिता कानून बनाया और आज प्रदेश में लागू है.











